Primeros reseñadores
यह कहानी है किसी मध्यम वर्गीय परिवार की-एक प्रोफेसर साहब यानि विकास, नहीं नहीं यह उम्र दराज नहीं, बल्कि एक युवा हैं। और यूं कहें की कहानी के मुख्य किरदार में से एक। मुख्य और गैर जरूरी जैसा वैसे तो कुछ भी नहीं होता, एक पल का मिलन भी पूरी जिंदगी को गुलजार या फीका कर सकता है। यह एक लम्बा, खूबसूरत कद काठी,गोरे रंग का लड़का है जिसकी आँखों में हमेशा आत्मविश्वास झलकता है। इस कहानी में एक साँवली सी लड़की भी है, जिसकी आँखें मृगनयनी जैसी है। उसकी आँखों में हमेशा काजल रहता है और माथे पर छोटी-सी बिंदी सजाए रहती है।
लीलावती जी विकास की माँ है, जिनका स्वभाव काफी सख्त है पर अपने बेटे से बहुत प्यार करती हैं, उनका छोटा बेटा है वैभव, जो एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर था। उसकी ड्यूटी की जगह घर से 50 km दूर थी इसलिए वो पीजी में रहता था और शनिवार को ड्यूटी खत्म करके घर आता और रविवार की शाम को निकल जाता। अंत तक पहुंचते पहुंचते कुछ नए किरदार जुड़ेंगे, आशा है आपको यह कहानी पसंद आएगी।
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- Ebook
- Géneros
- General Fiction, Romance, Fiction and Literature
- Ofrecido por
- Mayank_Gangwar (Autor)
- Publicado por
- Genius Words
- Lote
- abril 2024 Comienza: 2024-04-01Acabado: 2024-04-25
- Rebajado
- 2024-02-14
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- Disponible en todos los países
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